Saturday 18 November 2023

अभिवादन...

अभिवादन...

गांव में सब उनकी इज्ज्त करते है छोटे से लेकर बडे बुजुर्ग तक ....नाम है उनका बिरजू काका....

हर कोई उनके ज्ञान पढाई का कायल था जब भी किसीको कोई समस्या होती या सलाह लेनी होती तो बस जुबान पर एक ही नाम आता है बिरजू काका.....

एकबार गांव में ही एक विवाह समारोह के बाद रिसेप्शन पार्टी थी तकरीबन सभी गांव वाले रिसेप्शन में मौजूद थे बिरजू काका भी थे .....ऐसे में मंच पर जब बिरजू काका नवजोडे को शुभकामनाएं देने पहुंचे तो लडके के पिता ने बिरजू काका से आग्रह किया वह अपने ज्ञान से नव जोडे का उचित मार्गदर्शन करें ताकि इन बच्चों का आनेवाला कल सुखमय बना रहे.....

बिरजू काका पहले तो मुस्कुराएं फिर जेब से सौ रु का नोट निकालकर लडके को देते हुए कहा - इसे मसलकर फेंक दो .....

इस बात को सुनकर लडके लडकी सहित मंच पर खडे हर व्यक्ति हैरतअंगेज नजरों से बिरजू काका को देखने लगा ....आखिर लडके ने कहा - काका ....रुपये को तो लक्ष्मी जी का रुप माना जाता है मे ऐसे कैसे लक्ष्मी जी का तिरस्कार करुं .....

तब बिरजू काका बोले - शाबाश.... बेटा यदि तुम लक्ष्मी जी के स्वरुप का सम्मान करते हो तो ध्यान देना तुम्हारे साथ भी एक लक्ष्मी जी का रुप लिए तुमहारी जीवनसाथी खडी है इसका सदा स्मरण रहे ये अपना परिवार माता पिता भाई बहन सब छोडकर तुम्हारे लिए तुम्हारे परिवार के लिए स्वयं को समर्पित करने आई है लक्ष्मी जी के इस रुप की सदैव इज्ज्त करना सम्मान करना ....लडके उसके माता पिता सहित उपस्थित मंच पर सभी के चेहरे पर संतोषजनक मुस्कान आ गई

इससे पहले बिरजू काका कुछ कहते दुल्हन बनी लडकी काका के पैरों में झुककर बोली - काका ....आप मुझे भी आनेवाले जीवन के लिए कुछ उचित शिक्षा दीजिए....

बिरजू काका ने तुरंत कुछ फूल , धागा और सुई को मंगवाया और लडकी से एक माला बनाने को कहा ....

लडकी ने तुरंत माला बनाना शुरु कर दिया और कुछ ही पलों में एक सुंदर माला बनाकर बिरजू काका को पकडाते हुए कहा - देखिए काका ....सही बनी है ....

बिरजू काका - बहुत सुंदर.... अच्छा इसे ध्यान से देखकर बताओ तुम्हें क्या दिखता है ....

दुल्हन बोली - एक सुंदर माला ....

काका - बस...

दुल्हन - जी .....

बिटिया यही है तुम्हारी शिक्षा ....ये जो फूल है ना ये है तुम्हारे इस परिवार प्राणी ....माता पिता देवर ननद आदि रिश्तेदार ....और बेटा इनसब को जोडकर रखने वाला जोकि दिखाई नहीं देता वो है धागा.... जो तुम्हें बनना है .

...बेटा सबको एकसाथ एक सूत्र मे बांधे रखने का हुनर इस धागे मे होता है बस यही गांठ बांधकर रखना तुम्हें इस माला को इसमें हर एक फूल को बांधे रखना है तुम्हारा आनेवाला कल ही नही वरन वर्षों वर्ष तक की पीढियां सुखद जीवन व्यतीत करेगी....

सभी ने तालियां बजाकर बिरजू काका का अभिवादन किया.....!!

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(साभार -  अनजान, व्हाट्सएप से प्राप्त)

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